लू लगने पर देसी उपचार
'लू' से कैसे बचा जाये ''लू की चपेट से हुई 50 लोगों की मौत'' इस
तरीके की खबरें सुनने में थोड़ा खराब लगता। क्यों कोई मरे सभी सुखी और स्वस्थ रहें। लो अब आ गया गर्मी का मौसम, और हर मौसम अपना-अपना वर्चस्व तो कायम रखेगा ही क्योंकी मौसम को भी
प्रकृति को जवाब देना पड़ता है। सर्दी में
4-15 डिग्री सेंटीग्रेट और गर्मियों में
33-48 डिग्री सेंटीग्रेट अब ध्यान देने की बात ये है –
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‘लू’ लगने के लक्षण
- · शिर का चकराना, जोर से चक्कर आना
- · उलटी होना जी मिचलाना
- · शरीर में भारी थकावट आना
- · हथेलियों , पैर के तलवों तथा आँखों में तेज जलन
- · तेज बुखार आना
- · पसीना बहुत निकलना व चिड़चिड़ा पन हो जाना
’ लू’’ से बचने के देसी उपचार –
तेज
तापमान में असावधानी के कारण कोई भी वयक्ति ‘लू’ की चपेट में आ सकता है आप
को करना ये है।
‘ ‘लू’ का असर अक्सर धूप में यात्रा के दौरान व धूप में कार्य करने से होता है इसलिए धूप से हर हल में
बचे दोपहर के वक्त बहार न निकले.
lu lagne par kya kre |
Ø धुप में निकलने से पहले सिर को ढक के, सनग्लास
व जूते अवस्य पहन के निकले ।
Ø गर्म मौसम में जब भी घर से बहार निकले
एक सफ़ेद प्याज जेब में दाल के निकले।
Ø कड़ी धुप में हर घंटे तरल पेय पदार्थ जैसे
-आम का पना, जलजीरा, छांछ, नीबूपानी व जूस का सेवन करते रहना चाहिए।
‘’ लू’’से बचने के देसी उपचार. –
लू
की चपेट मे आ जाने पर घरेलू प्राथमिक उपचार तुरंत करे
v लू लगने पर पीड़ित व्यक्ति को तुरंत
नींबू -नमक पानी का घोल थोड़ा-थोड़ा देना चालू कर दे और तब तक देते रहे जब तक पीड़ित
वयक्ति को पिसाब न आये ।
v चने के सूखे साग को पानी में भिगोय और उस पानी को सूती कपडे की
सहायता से शरीर में लेप करे । इससे बहुत से देशी फायदे होते है।
v यदि इन उपचारो से पीड़ित व्यक्ति को
राहत नहीं मिल रही हो तो तुरंत डाक्टर की परामर्श
क्योंकी लू कई प्रकार की होती है और इसके उपचार भी अलग-अलग होते
तो इस तरह आप लू से बच सकते है
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